(आजादी के 75 साल )
जिस देश में आजादी की लडाई लडते हुए लाखों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी ।और भारत को आजाद कराया आज उसी देश मे उन वीर सपुतो के नाम तक लेने में कुछ लोगों को परेशानी होती है।उन्हें जातिवाद के सहारे सत्ता का सुख सिर्फ दिखाई देता है कुछ लोग देश की जनता की आखों में धुल झोक कर.पुरे देश को गरीब बनाने व अशिक्षित बनाने की मुहिम चला रहे हैं तथा अमीरों के टुकड़ो के सहारे सत्ता के सर्वश्रेष्ठ पद पर लम्बे समय तक आसीन रहने का संकल्प लें रखे हैं।पर वे यह भुल रहे है कि आने वाला कल उनके लिए दुःख दाई सबिता होगा,आने वाले समय मे एक ऐसी सरकार बनेगी जो उन्हें सलाखों के पिछे तक पहुचाऐगी तथा भ्रष्टाचार व लूट तंत्र का समूल नाश करेगी।तथा भारत की एकता व अखण्डता को कायम रखते हुए देश मे रोजगार गारंटी को लागू करेगी।तथा हर हाथो को काम हर खेत को खाद पानी व जरूरत मन्दो को आवश्यक सुविधा मुहैया कराते हुए जन जन के लिए काम करेगी।जरूरत है तो सिर्फ जगरूकता पैदा करने की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने की और लूट तंत्र के विरूद्ध आन्दोलन तेज करने की जबतक भ्रष्टाचार व लूट तंत्र के विरुद्ध जंगे ऐलान नही होगा। तबतक, हिन्दूस्तान महान नही होगा। विश्व पटल पर विकसित राष्ट्र हिन्दूस्तान नही होगा।अगर छोटा सा राष्ट्र जापान अपना परचम विश्व में लहरा सकता है तो भारत क्यों नहीं?अगर कहीं कमी है तो उसे ठीक करना ही होगा।आजादी के सत्तर साल बीत जाने के बाद
भारत मे जो परिवर्तन दिखाई देते है। उससे ऐसा प्रतित होता है कि भारत एक बार फिर स्वदेशी अंग्रेजों के चंगुल में फस चुका है और आर्थिक गुलामी को झेलने के लिए मजबूर है।और इसके.पिछे कोई और नहीं बल्कि इस देश में ही रहने वाले अंग्रेजों के नाजायज वंशज ही है।जो इसी देश में रहकर इस देश को बेचकर और लूट कर सिर्फ अपने चहेते व परिवार के लिए काम करते है।ऐसे देशद्रोहीयों से देश को बचाना होगा। तथा उत्तम स्वास्थ्य, शिक्षा,व सुरक्षा व्यवस्था जनता को मुहैया करानी होगी । तब जाके देश में खुशहाली का वातावरण तैयार होगा और तब जाके लाल बहादुर शास्त्री, मदनमोहन मालवीय, सरदार पटेल, नारायण, व डा़. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के सपनो का भारत बन सकेगा।(जय भारत माता) जय जवान, जय किसान, जय हिन्दूस्तान।